श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने नई मिसाल पेश की है। चिकित्सकों ने 91 वर्षीय एक महिला के गले से एक किलो 600 ग्राम वजन का कैंसर ट्यूमर निकाला. बुजुर्ग महिला की पैरोटिड ग्रंथि में यह बड़े आकार का ट्यूमर पिछले साल से था।
पिछले एक साल से इस ट्यूमर का आकार बहुत अधिक बढ़ गया था। ट्यूमर में कैंसर फैल चुका था और खून रिसने लगा था। विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए यह सर्जरी इसलिए भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि 91 वर्ष की उम्र में आपरेशन के दौरान उनके सामने कई चुनौतियां थी। सर्जरी के बाद बुजुर्ग महिला बिल्कुल ठीक है।
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कैंसर सर्जरी विभाग की टीम को बधाई बधाई दी है। चिकित्सकों के मुताबिक मेडिकल साइंस में इस प्रकार के ट्यूमर को इसे पैरोटिड ट्यूमर कहते हैं। अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. पंकज कुमार गर्ग ने बताया कि आमतौर पर पैरोटिड ग्रांथि में 50 से 100 ग्राम तक के वजन के ट्यूमर ही देखने में आते हैं। आकार के लिहाज से एक किलो छह सौ ग्राम वजन का इतना बडा पैरोटिड ग्रंथि ट्यूमर उन्होंने 25 वर्षों के चिकित्सकीय अनुभव में पहली बार देखा है।
आगे कहा कि हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती। बजुर्ग महिला ने इस बात को चरितार्थ करते हुए कैंसर सर्जरी की चुनौती को स्वीकार किया और डाक्टरों ने सफल कैंसर सर्जरी की। कैंसर की यह सर्जरी समाज के लिए नजीर भी है। क्योंकि अधिकांश लोग कैंसर का नाम सुनते ही जीने की चाह छोड़ देते हैं। ऐसे में 91 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने कैंसर सर्जरी के लिए सहमति प्रदान की।
डा. गर्ग का कहना है कि उम्र किसी भी निर्णय या उपचार के लिए बाधा नहीं है, यदि मरीज में संघर्ष करने की दृढ़ इच्छाशक्ति है तो वे कैंसर जैसी बीमारी से भी पार पा सकते हैं।