उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास दुनिया को अलविदा कह गए. लंबे समय से बीमारी के चलते आज बुधवार को उनका निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बागेश्वर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पार्टी सहित पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।

 

कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि- मंत्रिमंडल में मेरे वरिष्ठ सहयोगी चंदन राम दास के आकस्मिक निधन के समाचार से स्तब्ध हूं। उनका निधन जनसेवा एवं राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

मंत्री चंदन रामदास के निधन पर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। 26 से 28 अप्रैल तक राजकीय शोक रहेगा।

राजनीतिक सफर

उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के नेता रहे चंदन राम दास ने अपना राजनीतिक करियर 43 साल पहले शुरू हुआ था. हालांकि 1997 में नगर पालिका बागेश्वर से पहला चुनाव जीता था. वो नगर पालिका के निर्दलीय अध्यक्ष बने थे. इससे पहले 2006 में बीजेपी ज्वाइन की थी. तब भगत सिंह कोश्यारी बीजेपी सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री थे.

 

इसके बाद 2007 में पहला विधानसभा चुनाव जीता. इसके बाद से वो लगातार चार बार विधायक रहे. चंदन राम दास 2007, 2012, 2017 और 2022 में जीत दर्ज कर विधायक बने थे. बीते विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार बालकृष्ण को बागेश्वर विधानसभा सीट पर हराया था. तब उन्होंने 14,567 के अंतर से जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में उन्हें 33,792 और प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार को 19,225 वोट मिले थे.

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